
वो डरती है | उत्तम कुमार
वो डरती है।
साथ किसी के रहने से,साथ किसी के चलने से,
साथ किसी के होने से,साथ किसी के जीने से,
वो डरती है।
बात किसी से करने से,बात किसी का सुनने से,
बात किसी कि करने से,बात किसी कि होने से,
वो डरती है।
अकेलेपन से,अकेले बाहर निकलने से,
अकेले सड़कों पे घूमने से,अकेले ख्वाबों के आसमान में उड़ने से,
वो डरती है।
बंद चाहरदिवारियों से,समाज के बंधनों से,
पाँव में बंधी बेड़ियों से,कोई ख्वाब बुनने से,
वो डरती है।
अपनों से,अधूरे सपनों से,
जिंदगी कि जंग से,आजादी कि तंग से,
वो डरती है,न जाने किससे?
वो डरती है।
-उत्तम कुमार

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Nice really hearttouching