अपना हक माँगू और अधिकार लिखूँ…
या मेरा एक तरफ़ा प्यार लिखूँ…
क्या लिखूँ?
समझ नहीं आ रहा अब क्या लिखूँ??
तेरी दोस्ती का सारा सार लिखूँ,
या अपनी मोहब्बत का इंतज़ार लिखूँ।
क्या लिखूँ??
तेरा बातो बातो वो अंजाना इकरार क्या लिखूँ??
तेरा मुझे सताना लिखूँ,
या मेरी बेचैनियों को देख तेरा मुस्कुराना लिखूँ।
क्या लिखूँ?
तेरा मुझे अपना एहसास दिलाना क्या लिखूँ?
मै हूँ इबादत तेरी लिखूँ, या चाहत लिखूँ,
या तुझे मुझसे मोहब्बत नहीं, बताना लिखूँ।
क्या लिखूँ??
ये तेरा बार बार मुकर जाना अब क्या लिखूँ?
तुझसे दूर हो जाने का डर लिखूँ,
या ये डर मेरा हर पहर लिखूँ।
क्या लिखूँ??
मेरे इस डर को तेरा और बढ़ाना क्या लिखूँ?
मेरा तुझसे मिलना लिखूँ,
या तेरा मुझसे भिछाड़ना लिखूँ।।
क्या लिखूँ??
मेरी ज़िन्दगी के साथ हुआ खिलवाड़ अब क्या लिखूँ??
अपना जवाब लिखूँ,या सबका सवाल लिखूँ।।
या तेरा मुझे मेरे पास न पाना लिखूँ।
क्या लिखूँ??
चुपचाप मेरा हो जाना अब क्या लिखूँ??
सब कहते थे तू है मेरा,
मै नाव अगर, तो तू है खेरा।।
या मेरी ढलती शाम का तू सवेरा,
क्या लिखूँ??
ये साथ तेरा क्या था दिन चार लिखूँ??
-अमिता गौतम

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