मोहब्बत में हिंदी | एकांकी शर्मा | राइटर साहिबा | हिंदी दिवस स्पेशल
“आज हिंदी दिवस है।”“जानती हूँ।” “तो कुछ लिखो।” “ज़रूरी है क्या?” “इच्छा नहीं है तुम्हारी?”
“आज हिंदी दिवस है।”“जानती हूँ।” “तो कुछ लिखो।” “ज़रूरी है क्या?” “इच्छा नहीं है तुम्हारी?”
इस भारत भूमि के जन-जन की स्वासों मे बसती हिन्दी को नमन में करता हूँ।